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Showing posts from September, 2019

Help For Health & Family Welfare

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हम प्रतिबद्ध हैं : विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्र में भारत के नागरिक की देखभाल के लिए जीवन शैली, चिकित्सा देखभाल और अन्य सामाजिक मूल्यों में सुधार के लिए परिवार नियोजन और स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देना। शिक्षा का प्रसार करने के लिए - पूरे देश में गुणवत्तापूर्ण परिवार नियोजन, माँ और बाल स्वास्थ्य सेवाओं के साथ सह प्रेरक प्रयास। We are Committed : To promote family planning and Health awareness to improve life style, medical care and other social values for batter care of citizen of India particularly in rural area. To spread education – cum motivational efforts with quality family planning, mother and child health services across nation. हम प्रतिबद्ध हैं : अनुसंधान, वकालत क्षमता निर्माण और किसी भी अन्य संबंधित गतिविधि को शुरू करने, बढ़ावा देने और लागू करने के लिए, ताकि सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को मजबूत किया जा सके। We are Committed : To initiate, promote and implement research, advocacy capacity building and any others related activity, so as to strengthen

Save Indian Civilization & Culture

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ह्म भारतियों की सभ्यता-संस्कृति एक। हम सभी भारत मां की संतान। धर्म अनेक पर पूर्वज एक। परिवर्तन योगेश के सदस्य कटिबद्ध हो भारत के वैभव को बढ़ाते। परिवर्तन मित्र चलाते अभियान और देते बच्चों को वेद शिक्षा का ज्ञान। हमारा आयुर्वेद, हमारी संस्कृत भाषा व महा पुरुषों का हो जन जन को आभास। हो सभी की हिंदुत्व जीवनशैली व राष्ट्रहित सर्वोपरि। संस्था के इस ऑनलाइन व ऑफलाइन जागरूपता अभियान में हमें समाज का सहयोग आपेक्षित। दीजिए हमें इस कार्य में सहयोग। सदस्य बनें अथवा संस्था को धनराशि डोनेट करें। Our Indians Civilization-culture is one. We are all children of Mother India. Religion many but is ancestor is same. The members of Parivartan Yogesh are determined to increase India's glory. Knowledge of Vedas education given to childrens by Parivartan Mitra through campaigns. Our Ayurveda, our Sanskrit language and great men should be appreciated by the people. Hindutva lifestyle and national interest are paramount to all. In this online and offline awareness campaign of the organization, we expe

Help Disaster Survivors

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आपदाएं हमें लोगों की हर प्रकार की मदद करने के लिए प्रेरित करती हैं। जब हम लोगों की पीड़ा देखते हैं, तो हम कुछ करना चाहते हैं। आपदाओं में तीन चरण होते हैं : बचाव, राहत और स्वास्थ लाभ। हमारी तैयारी हमेशा जारी रहनी चाहिए। परिवर्तन मित्र हमेशा तईयार हैं कि भारत भर में वह जहां-जहां हैं वहां यथासम्भव आपदा प्रबंध करें। हमारा निरंतर प्रयास कि संस्था में अधिक से अधिक परिवर्तन मित्र जुड़ें। समाज के सबल लोगों को चाहिए कि वह हमारी यथासम्भव मदद करें तांकि हम अपने इस कार्य में जरूरत मंदों की सेवा कर सकें। Disasters inspire us to help people of all kinds. When we see the suffering of people, we want to do something. Disasters have three stages: rescue, relief and health benefits. Our preparation should always be continued. Parivartan Mitra is always ready to manage disaster wherever possible throughout India. It is our constant endeavor that more and more change friends join the organization. Strong people of the society should help us as much as possible so that we can serve the needy in this t

Help Divyangs

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2011 की जनगणना के मुताबिक भारत में 2.68 करोड़ दिव्यांग जन हैं। यह (भारत की) आबादी का लगभग 2.23 फीसदी है। विकलांगता कई प्रकार की हो सकती है जैसे दृष्टि विकलांगता, बोलने की विकलांगता, श्रवण विकलांगता या अन्य शारीरिक विकलांगता आदि। इनमें से प्रत्येक की अपनी अलग-अलग चुनौतियां होती हैं। समर्थन की कमी के कारण दिव्यांगों के लिए अपने दम पर दुनिया में अपना रास्ता बनाना मुश्किल हो जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 27 दिसंबर 2016 को अपने रेडियो संबोधन 'मन की बात' में कहा था कि शारीरिक रूप से अशक्त लोगों के पास एक 'दिव्य क्षमता' है और उनके लिए 'विकलांग' शब्द की जगह 'दिव्यांग' शब्द का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। उन्होंने विकलांग व्यक्तियों के सशक्तीकरण विभाग का नाम बदलकर हिंदी में 'दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग' भी रखा। दिव्यांगजनों की मदद से बढ़कर कोई कार्य नहीं है। इनके लिए समाज के हर वर्ग के लोगों को आगे आना चाहिए। परिवर्तन योगेश संस्था के सदस्य (परिवर्तन मित्र) दिव्यांगों की हर प्रकार की सेवा में कटिबद्ध हैं। परिवर्तन योगेश की मुहीम में आप भी साथी

Help Elders

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भारतीय संस्कृति में वृद्धों को अत्यंत उच्च एवं आदर्श स्थान प्राप्त है। श्रवण कुमार ने अपने वृद्ध माता-पिता को कंधे पर बिठाकर संपूर्ण तीर्थयात्रा करवाई थीं। आधुनिक काल में कितनी विडंबना है कि पूरे परिवार पर बरगद की तरह छांव फैलाने वाला व्यक्ति वृद्धावस्था में अकेला, असहाय एवं बहिष्कृत जीवन जीता है। जीवनभर अपने मन, कर्म व वचन से रक्षा करने वाला, पौधों से पेड़ बनाने वाला व्यक्ति घर में एक कोने में उपेक्षित पड़ा रहता है या अस्पताल या वृद्धाश्रम में अपनी मौत की प्रतीक्षा करता है। आधुनिक उपभोक्ता संस्कृति एवं सामाजिक मूल्यों के क्षरण की यह परिणति है। परिवर्तन योगेश के परिवर्तन मित्र इन्हीं असहाय वृद्धों की हर प्रकार से सेवा में संकल्पित। परिवर्तन योगेश की मुहीम में आप भी साथी बनिए। In Indian culture, elders have a very high and ideal place. Shravan Kumar had done the entire pilgrimage with his old parents on his shoulder. How ironic in modern times that a person who spreads a banyan like a banyan on the whole family lives a lonely, helpless and excluded life in old age. A person who prot

Help Child Labour

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बचपन, इंसान की जिंदगी का सबसे हसीन पल, न किसी बात की चिंता और न ही कोई जिम्मेदारी। बस हर समय अपनी मस्तियों में खोए रहना, खेलना-कूदना और पढ़ना। लेकिन सभी का बचपन ऐसा हो यह जरूरी नहीं। बाल मजदूरी की समस्या से आप अच्छी तरह वाकिफ होंगे। कोई भी ऐसा बच्चा जिसकी उम्र 14 वर्ष से कम हो और वह जीविका के लिए काम करे बाल मजदूर कहलाता है। गरीबी, लाचारी और माता-पिता की प्रताड़ना के चलते ये बच्चे बाल मजदूरी के इस दलदल में धंसते चले जाते हैं। आज दुनिया भर में 215 मिलियन ऐसे बच्चे हैं जिनकी उम्र 14 वर्ष से कम है। और इन बच्चों का समय स्कूल में कॉपी-किताबों और दोस्तों के बीच नहीं बल्कि होटलों, घरों, उद्योगों में बर्तनों, झाड़ू-पोंछे और औजारों के बीच बीतता है। भारत में यह स्थिति बहुत ही भयावह हो चली है। दुनिया में सबसे ज्यादा बाल मजदूर भारत में ही हैं। 1991 की जनगणना के हिसाब से बाल मजदूरों का आंकड़ा 11.3 मिलियन था। 2001 में यह आंकड़ा बढ़कर 12.7 मिलियन पहुंच गया है। अधिकतर देखने में आया है कि इन बच्चों के पास आश्रय भी है। माता पिता के होते हुई भी निर्धनता इन्हें यह कार्य करने को मजबूर करती है। सरका