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सुब्बाराव जी ‘‘भाई जी" का जीवन परिचय


डॉक्टर एसएन सुब्बाराव जी  का जन्म 7 फरवरी 1929 को बेंगलुरु में हुआ था. शिक्षा काल के दौरान ही भाई जी
गांधी जी के विचारों से जुड़ स्वाधीनता आंदोलन में शामिल हो गए. सड़कों पर ‘‘क्विट इंडिया“ लिखने के आरोप में 13 वर्ष की आयु में ब्रिटिश पुलिस ने पहली  बार इन्हें आजादी आंदोलन के लिए हिरासत मे लिया. गांधी विचार को युवा संस्कार में स्थापित रखने की भूमिका के कारण ही सुब्बाराव जी को सभी बड़े-छोटे, देशी-विदेशी ‘‘भाई जी“ ही कहते थे. 1993 से 1995 तक सद्भावना रेल यात्रा कर भाई जी ने देश के सभी राज्यों के युवाओं को  एक साथ लेकर 21 राज्यों की रेल यात्रा करने का एक क्रीतिमान स्थापित किया. सर्व धर्म प्रार्थना, युवा प्रेरणा गीत, भारत
की संतान गीत, राष्ट्र प्रेरक संगीत के साथ 15 भाषाओं में अपने  युवाओं से बातचीत करने वाले भाई जी युवा भाई बहनों के प्राण प्रिय व्यक्तित्व रहे. भाई जी देश के अलावा मास्को, अफ्रीका, अमेरिका, जर्मनी और कनाडा सहित अन्य देशों तथा संयुक्त राष्ट्र में शांति और सद्भावना से जुड़े अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में भारत का प्रतिनिधित्व किये . शांति स्थापना के लिए भाई जी के प्रयास से 1972 को 186  चंबल के बागियों न समाज के मुख्य धारण आकर
जीवन यापन का संकल्प किया.  राष्ट्रीय युवा पुरस्कार के रूप् में भाई जी को जमनालाल बजाज पुरस्कार, इंदिरा गांधी शांति और सद्भावना पुरस्कार, मध्य प्रदेश राष्ट्रीय महात्मा गांधी सम्मान आदि अनेकों अनेक  सम्मान प्राप्त हुए, जौरा मुरैना मध्य प्रदेश में भाई जी का सेवा आश्रम है.  भाई  जी कहते थे - - देश की ताकत नौजवान, देश की इज्जत नौजवान! देखा जाता रहा है की भारत के लाखो लाख युवाओं का समूह भाई जी के एक आवाज पर
‘‘एक होने - नेक होने“ को  समख्रपत होता रहा . भाई जी के शरीर त्यागने बावजूद भी भाई जी के संदेश भाव पर आज भी युवा ज़न उनको अपने बीच पा रहे और उनके संदेश विस्तार  यात्रा में एक !! भाई जी की कामना - सद्भावना सद्भावना!!

जन्म विवरण  


उपलब्धियां 


सम्मान पत्र  










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