Sanatan Seva Sang Savrojgar Yojna
सनातन सेवा :
परिवर्तन योगेश सनातन संस्कार-संस्कृति प्रतीक संस्था है। संस्था भारत के 8 राज्यों में कार्यरत है। सनातन संस्कृति में सभी सेवा कार्य समाहित हैं, वह चाहे देश हित हो, समाज हित हो, आदर्श मानव निर्माण हो, प्रकृति प्रेम हो इत्यादि सभी सनातनी विषय। संस्था पिछले 30 वर्षों से दिल्ली में अपने छपाईखाने इनलैंड प्रिंटिंग प्रेस में छोटी-छोटी सनातन पुस्तकें छापती है व नासिर्फ सनातन धर्म के प्रसार हेतु कार्य करती अपितु इन पुस्तकों के निर्माण व बिक्री करने वालों को स्वरोजगार भी प्रदान करती है। संस्था से जुड़े हस्तशिल्पकार मार्बल डस्ट मूर्तियों एवं एक्रेलिक कार डैश मूर्तियों का निर्माण भी करते हैं। आंशिक बिक्री लाभ अति जरूरतमंद को शिक्षा, चिकित्सा व भोजन पर खर्च होता है।
सनातन सेवा संग स्वरोजगार :
जब आप सनातन सेवा हेतु संस्था संग जुड़ते हैं तो सनातन सेवा के साथ-साथ स्वरोजगार से भी जुड़ जाते हैं। संस्थान द्वारा जारी पुस्तकों का कैटलॉग/प्रोडक्ट व्हाट्सप्प 9953175076 प्रोफाइल पर अपडेटिड होते रहता है। सनातन सेवा संग जुड़ने पर आपको नासिर्फ "सनातन सेवक" का पद प्राप्त होता है बल्कि संस्थान द्वारा जारी पुस्तकें लागत मूल्य पर मिलती हैं अर्थार्त अंकित मूल्य से 70-80% कम मूल्य पर। इन पुस्तकों को आप अपने लिए, सनातन प्रचार के लिए अथवा स्वरोजगार हेतु उपयोग में ला सकते हैं।
सनातन स्वरोजगार :
1. यदि आप पुरोहित हैं तो अपने यजमानों द्वारा दुःख-सुख में पुस्तकें वितरित करवा सकते हैं जैसे हनुमान चालीसा, गीता सार, 1 श्लोकि रामायण, दुर्गा चालीसा, गणेश चालीसा इत्यादि और इनके वितरण से आप 20% से 40% लाभ अर्जित कर सकते हैं।
2. यदि आप सामान्य व्यक्ति हैं तो मंदिरों में अथवा पुरोहितों के कार्यालयों में जाकर आप उन्हें लाभ दिखा कर अपने लिए भी लाभ अर्जित कर सकते हैं अर्थार्त 10 रु अंकित मूल्य का हनुमान चालीसा आपको आपके स्थान पर मात्र 3 रु में डिलीवर होता है जिसे आप पुरोहितों को 3.50 या 4 रु अथवा सामान्य जन को अपने निर्धारित मुल्य पर बिक्री कर सकते हैं। दिल्ली मुख्यालय से यह पुस्तकें आप 2 रु प्रति पुस्तक प्राप्त कर सकते हैं।
3. आप दुकानदारों अथवा प्रतिष्ठानों को प्रेरित कर सकते हैं कि वह आपने ग्राहकों को यह पुस्तकें अपने उत्पाद के साथ देवें।
4. आप मंदिरों में प्रसाद की दुकानों पर भी दुकानदारों को 50 पैसा लाभ के साथ यह पुस्तकें प्रसाद के साथ देने को प्रेरित कर सकते हैं।
5. यदि आपका अपना प्रतिष्ठान है तो आप अपने उत्पादों के साथ ग्राहक को एक पुस्तक उपहार सहित दे सकते हैं अथवा खुद बिक्री हेतु रख सकते हैं।
6. यदि आप मार्केटिंग कर सकते हैं तो धार्मिक पुस्तकों की दुकानों पर कम मार्जन पर इन पुस्तकों को बेच सकते हैं। याद रखें इतना बड़ा गीता प्रेस भी न्यूनतम 4 रु में छोटी पुस्तक देता है व कूरियर खर्च अलग से जुड़ता है।
7. यदि आप घुमन्तु रिटेल विक्रेता की सक्षमता रखते तो सोचिए आपने 3 रु लागत मूल्य पर आपके स्थान पर मिली पुस्तक अथवा 2 रु हमारे संस्थान से पुस्तक लेकर मात्र 100 पुस्तक भी एक दिवस में 8 रु में बिक्री कर दीं तो आप क्या लाभ अर्जित कर सकते ?
8. करिए काली मंदिर में काली चालीसा बिक्री, शनि मंदिर में शनि चालीसा बिक्री, हनुमान मंदिर में हनुमान चालीसा बिक्री, गुरुद्वारों में 10 गुरु पुस्तक (मूल्य 1 रु अधिक) गौ शालाओं में गौ माता चालीसा, संघ शाखाओं में संघ प्रार्थना अर्थ सहित पुस्तक, राम कथा में राम नाम की माला, राम चालीसा अथवा 108 राम नाम लेखन पुस्तक या फिर अन्य कई पुस्तकों द्वारा धन सृजन।
"सनातन सेवक" कैसे बनें :
* सनातन सेवक पंजीकरण शुल्क मात्र 100 रु वार्षिक है। यह आपका स्वत्य पर होने वाला खर्च है।
* पंजीकरण शुल्क जमा करवाते ही आपको सनातन सेवक की सॉफ्ट कॉपी प्रदान की जाती है।
* आजीवन पंजीकरण शुल्क 500 रु है।
* वर्ष में न्यूनतम 500 पुस्तकें लेनी अनिवार्य हैं अन्यथा यह माना जायेगा की आप "सनातन सेवक" पद हेतु पूर्णतया उपयुक्त नहीं हैं। नाही आप सनातन प्रचार करना चाहते अथवा नाहीं आप सनातन स्वरोजगार करना चाहते।
पुस्तकों के सैंपल :
* पुस्तकों की कैटलॉग व्हाट्सप्प 9953175076 पर अपडेट होता है।
* न्यूनतम 100 विभिन्न प्रकार की पुस्तकें आप सैंपल हेतु भी मंगवा सकते हैं।
"सनातन सेवक" के लाभ :
1. आप निति आयोग द्वारा मानित संस्थान के पंजीकृत पद प्राप्त कार्यकर्ता कहलाते हैं।
2. आपको सनातन प्रचार एवं स्वरोजगार हेतु लागत मूल्य पर पुस्तकें प्राप्त होती हैं।
3. संस्थान से जुड़ने पर आपको पद गौरव एवं सनातन सेवा पुण्य प्राप्त होता है।
4. आप थोड़े से परिश्रम से अन्य व्यवसाय/रोजगार करते हुए भी अतिरिक्त लाभ कमा सकते हैं।
5. लाखों रु की पुस्तक फ़्रेंचाइज़ी मात्र सनातन प्रचार एवं स्वरोजगार हेतु निशुल्क है।
शुल्क कैसे जमा करवाएं :
organisation authorised current acoount No. :
PARIVARTAN YOGESH
ICICI Bank
A/c No : 100505001876
IFS Code : ICIC0001005
authorised paytm & google pay No
PARIVARTAN YOGESH
9350902419
अथवा व्हाट्सप्प पर पेमेंट लिंक प्राप्त करें।
* आपको न्यूनतम 100 पुस्तकें मंगवानी अनिवार्य हैं।
* 25 पुस्तकों का पैकेट होता है।
अन्य कोई जानकारी हेतु सम्पर्क करें :
Parivartan Yogesh
17/30, Ground Floor, Ashirwad Complex,
Tilak Nagar, New Delhi - 110018
Ph. : 011-25998004 WhatsApp : 9953175076