परिवर्तन योगेश संस्थान मित्र संस्था विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ एवं काशी हिन्दी विद्यापीठ के विद्या वाचस्पति एवं विद्या सागर मानद सम्मान प्रेषित करने हेतु अधिकृत है।आपका सनातक/समकक्ष व हिन्दी भाषा जानना अनिवार्य है। आप लेखक, कवि, अध्यापक, पत्रकार हों, आपका कला-संस्कृति, सेवा के क्षेत्र में योगदान हो, आपने कोई शोध कार्य किया हो, आप प्रतिष्ठित व्यक्ति हों तो आप इस सम्मान के पात्र हैं। विद्या वाचस्पति विद्यापीठों एवं गुरुकुलों द्वारा दिया जाने वाला एक मानद सम्मान होता है व यह सम्मान जिसे प्राप्त होता है वह अपने नाम के साथ डॉ लिख सकता है। विद्या वाचस्पति प्राप्तकर्ता ही विधा सागर मानद सम्मान प्राप्त कर सकते हैं, जिसे डी लिट/ उच्च मानद डॉक्टरेट कहते हैं। परिवर्तन योगेश संस्थान की सदिच्छा कि ऐसे सम्मान पत्र देने के नाम पर लाखों रु वसूलने वाले उद्द्यमों से लोगों को राहत मिले। विद्या वाचस्पति मानद सम्मान काशी हिन्दी विद्यापीठ द्वारा देय होगा एवं जिन्हें पूर्व में विद्या वाचस्पति प्राप्त उन्हें चयन का अधिकार होगा कि वह विद्या सागर विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ से लें अथवा काशी हिन्दी विद्यापीठ से।
परिवर्तन योगेश संस्थान : नीति आयोग द्वारा मानित राष्ट्र, संस्कृति व समाज हित समर्पित राष्ट्रीय संस्था परिवर्तन योगेश : राम मंदिर के नारे, सनातन एवं प्रखर बाल साहित्य निर्माण, मासिक डिजिटल पत्रिका अमर संदेश, भारत माता बाल संस्कारशालाएँ, माँ रोटी बैंक, अनवरत राम-कृष्ण-वन्देमातरम आदि परीक्षाएं, एम्बेसडर भारत पद्मश्री डॉ. विजयकुमार स्वरूपचंद शाह, सनातन विश्व को प्रथम ॐ चालीसा एवं गौ माता चालीसा, मित्र संगठन काशी हिन्दी विद्यापीठ, श्री श्री पंच दशनाम श्री गुरुदत्त अखाडा, महर्षि भारद्वाज सनातन अखाड़ा व धर्म जागरण संस्थान धर्मार्थ ट्रस्ट।
विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ : विद्यापीठ की स्थापना 1969 में बिहार के भागलपुर में हुई। महान ख्याति प्राप्त साहित्यकार, संस्कृत विद्वान डॉ. तेज नारायण कुशवाहा जी द्वारा इस विद्यापीठ की स्थापना करने का मूल उद्देश्य राजभाषा हिन्दी को बढ़ावा देना था, भारतीय संस्कृति, कला, साहित्य, सेवा, शोध कार्य करने वालों को प्रोत्साहित करना था। आर्टिकल 244 के अंतगर्त बिहार सरकार द्वारा विधापीठ को जमीन आवंटित है व विद्यापीठ पर दायित्व है कि वह अपने मानद सम्मानों द्वारा देश में खोज कर यह सम्मान योग्य जन को प्रेषित करे। वर्तमान में इस विद्यापीठ के कुलपति आदरणीय डॉ. संभाजी राजाराम बाविस्कर हैं एवं परिवर्तन योगेश संस्थान के संस्थापक आदरणीय डॉ. योगेश तरेहन जी इस विधापीठ में राष्ट्रीय-अंर्तराष्ट्रीय संगठक एवं चयन समिति अध्यक्ष के पद पर हैं।
काशी हिन्दी विद्यापीठ : विद्यापीठ की पंजीकरण संख्या 80/2024 है। यह विद्यापीठ परिवर्तन योगेश संस्थान की एक इकाई है। विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ की तरह ही इस विद्यापीठ का उद्देश्य भी राजभाषा हिन्दी को बढ़ावा देना है। वर्तमान में इस विद्यापीठ के कुलपति आदरणीय डॉ. संभाजी राजाराम बाविस्कर ही हैं एवं परिवर्तन योगेश संस्थान के संस्थापक आदरणीय डॉ. योगेश तरेहन जी इस विधापीठ में राष्ट्रीय-अंर्तराष्ट्रीय महासचिव के पद पर हैं।
मानद सम्मान पत्र दो प्रकार से देय होंगे। प्रथम केवल डाक द्वारा जिसका पंजीकरण शुल्क मात्र 7500 रु है। द्वितीय कार्यक्रम द्वारा जिसका पंजीकरण शुल्क 12500 रु है। इस बार का कार्यक्रम दिल्ली में 30 मार्च 2025 को निर्धारित है। यदि आप योग्य हैं तो अपने चयन हेतु संवाद करें (प्रात: 11 से सांय 7) दिल्ली दूरभाष : 01135596062 है।
चयन प्रक्रिया यदि आप स्वयं को इस मानद सम्मान के योग्य पाते हैं तो अपने चयन हेतु प्रात: 11 से सांय 7 बजे के बीच दूरभाष 01135596062 पर संवाद करें। आपसे जो योग्यता प्रमाण पत्र मांगें जाएँ वह संस्थान के व्हाट्सप्प 9953175076 पर दें। यदि आपको चयनित कहा जाता है तो पंजीकरण शुल्क का चुनाव कर जमा करवाएं। आपको एक कार्य दिवस पर चयन पत्र जारी होगा। 7 दिन के अंतगर्त आपके मानद सम्मान की छवि आपके व्हाट्सप्प पर प्रेषित होगी व अगले 10 दिवस में मानद सम्मान पत्र आपके बताये पते पर स्पीड पोस्ट द्वारा पहुंचेगा। सभी पंजीकृत जन की सूचना संस्था की साइट पर लिस्टिड होगी। वह जन जो कार्यक्रम पंजीकरण शुल्क का चुनाव करेंगे, वह 30 मार्च 2025 को दिल्ली के बताये गए स्थल पर उपस्थित होंगे। संस्था के सभी कार्यक्रम प्रतिष्ठित 3 स्टार होटल में होते हैं इसलिए अनुरोध कि केवल कार्यक्रम में आएं। यदि आपको कार्यक्रम स्थल पर ही रहने-खाने की व्यवस्था करवानी हो तो उसका शुल्क अतिरिक्त होगा।
विद्या वाचस्पति/विद्या सागर सम्मान के सभी प्राप्तकर्ताओं के नाम संस्थान की साइट पर लिस्टिड हैं। कृपया लिंक खोलें :
Comments
Post a Comment